HINDI JOKES
शराबियों की दावत!
एक शराबी ने दोस्तों के लिए दारु की दावत का प्रोग्राम बनाया,
दारू के बाद दोस्तों ने मटन खाने की इच्छा की ।
दारू के बाद दोस्तों ने मटन खाने की इच्छा की ।
पीने के बाद तो सभी शराबी दानवीर करन बन जाते है
तो शराबी ने अपने ही घर से रात को बकरा चोरी किया।
तो शराबी ने अपने ही घर से रात को बकरा चोरी किया।
रात को अपने दोस्तों के साथ खूब
दावत का मजा लिया और सुबह जब घर पहुंचा
तो बकरा घर में ही था।
दावत का मजा लिया और सुबह जब घर पहुंचा
तो बकरा घर में ही था।
यह देख उसने बीवी से पूछा,
“ये बकरा कहाँ से आया?”
“ये बकरा कहाँ से आया?”
बीवी बोली, “बकरे को मारो गोली,
ये बताओ रात को तुम चोरों की तरह
कुत्ते को कहाँ ले गए थे?”
........
ये बताओ रात को तुम चोरों की तरह
कुत्ते को कहाँ ले गए थे?”


एक बार एक गणित के अध्यापक से उसकी पत्नी ने गणित मे प्यार के दो शब्द कहने को कहा,
पति ने पूरी कविता लिख दी..
पति ने पूरी कविता लिख दी..
म्हारी गुणनखण्ड सी नार, कालजो मत बाल
थन समझाऊँ बार हजार, कालजो मत बाल
थन समझाऊँ बार हजार, कालजो मत बाल
1. दशमलव सी आँख्या थारी, न्यून कोण सा कान,
त्रिभुज जेडो नाक, नाक री नथनी ने त्रिज्या जाण,
कालजो मत बाल
त्रिभुज जेडो नाक, नाक री नथनी ने त्रिज्या जाण,
कालजो मत बाल
2. वक्र रेखा सी पलका थारी, सरल भिन्न सा दाँत,
समषट्भुज सा मुंडा पे, थारे मांख्या की बारात,
कालजो मत बाल
समषट्भुज सा मुंडा पे, थारे मांख्या की बारात,
कालजो मत बाल
3.रेखाखण्ड सरीखी टांगा थारी, बेलन जेडा हाथ,
मंझला कोष्ठक सा होंठा पर टप-टप पड रही लार,
कालजो मत बाल
मंझला कोष्ठक सा होंठा पर टप-टप पड रही लार,
कालजो मत बाल
4.आयत जेडी पूरी काया थारी, जाणे ना हानि लाभ,
तू ल.स.प., मू म.स.प., चुप कर घन घनाभ,
कालजो मत बाल
तू ल.स.प., मू म.स.प., चुप कर घन घनाभ,
कालजो मत बाल
5.थारा म्हारा गुणा स्युं. यो फुटया म्हारा भाग |
आरोही -अवरोही हो गयो, मुंडे आ गिया झाग ।
कालजो मत बाल
आरोही -अवरोही हो गयो, मुंडे आ गिया झाग ।
कालजो मत बाल
म्हारी गुणनखण्ड सी नार कालजो मत बाल
थन समझाऊँ बार हजार कालजो मत बाल!!
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थन समझाऊँ बार हजार कालजो मत बाल!!

खूबसुरत सोच
यह जिस्म तो किराये का घर है; एक दिन खाली करना पड़ेगा:!!
सांसे हो जाएँगी जब हमारी पूरी यहाँ; रूह को तन से अलविदा कहना पड़ेगा:!!
वक्त नही है तो बच जायेगा गोली से भी; समय आने पर ठोकर से मरना पड़ेगा:!!
मौत कोई रिश्वत लेती नही कभी; सारी दौलत को छोंड़ के जाना पड़ेगा:!!
ना डर यूँ धूल के जरा से एहसास से तू; एक दिन सबको मिट्टी में मिलना पड़ेगा:!!
सब याद करे दुनिया से जाने के बाद; दूसरों के लिए भी थोडा जीना पड़ेगा:!!
मत कर गुरुर किसी भी बात का ए दोस्त:! तेरा क्या है..? क्या साथ लेके जाना पड़ेगा…!!
इन हाथो से करोड़ो कमा ले भले तू यहाँ… खाली हाथ आया खाली हाथ जाना पड़ेगा:!!
ना भर यूँ जेबें अपनी बेईमानी की दौलत से… कफ़न को बगैर जेब के ही ओढ़ना पड़ेगा..!!
यह ना सोच तेरे बगैर कुछ नहीं होगा यहाँ; रोज़ यहाँ किसी को ‘आना’ तो किसी को ‘जाना’ पड़ेगा.
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